Sunday, August 1, 2010

एक नई शुरुआत.....

प्रिय मित्रो, शुभारम्भ ...इस मंच के माध्यम से पहली दफा मैं आप सबो से मुखातिब हो रहा हु. और इस वचनबद्धता के साथ कि हम सब के बीच यह संवाद अब जारी रहेगा. इससे पहले कि हमारा यह संवाद जारी हो आप सबो को मेरे परिचय का इन्तजार अवश्य कर होगा, मैं भी यह जनता हु. लेकिन मैं आपको अपने बारे में सिर्फ इतना बता दू कि मैं भी आप सब पटना के मिडियाकर्मी के बीच का ही एक चेहरा हु. हाँ, कुछ व्यावसायिक मजबूरियां हैं जिसकी वजह से मैं अपना सामाजिक परिचय सार्वजनिक करने में अक्षम हु. उम्मीद है आप मेरे इस ब्लॉग पर आने का कारन जानने के बाद मुझसे सहमत होंगे.

मित्रो बिहार और पत्रकारिता का रिश्ता हमेशा से बड़ा गहरा रहा है. यह हम सब जानते हैं. यह गहरे खबरों के मामले में तो रही ही है उससे अलग खबरों को बनने वाले किस कदर खबरों में रहे हैं यह भी इस रिश्ते को और गहरा करता है. प्रिंट मिडिया में जो स्थान कभी उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश का हुआ करता बता आज वही स्थान टीवी पत्रकारिता के अन्दर बिहार का बन चूका है. या यु कह ले कि बिहार के पत्रकार सुरमाओ ने इसपर एकाधिकार जामा लिया है तो यह कहना गलत नहीं होगा. पुण्य प्रसून बाजपेयी से लेकर रविस कुमार तक और अजय कुमार से लेकर मिडिया हाउस में काम कर रहे हर बिहारी पत्रकार कि सफलता कि कहानी यह सब कुछ साबित करने को काफी है. 

पाटलिपुत्र कि धरती इसकी जान है. जंहा तमाम राष्ट्रिय चैनलों के कार्यालयों के साथ साथ बिहार - झारखण्ड को केंद्र में रखकर चल रहे तकरीबन आधा दर्जन टीवी न्यूज़ चैनलों के बड़े कार्यालय भी है. दिलचस्प यह है कि 
राष्ट्रिय चैनलों के पटना सतत कार्यालय जंहा बिहार को कह्बरो कि उत्पादन स्तःली समझकर यंहा से खबरे निकालते हैं वंही क्षेत्रीय चैनल अपने अन्दर कि हर तरह कि कहानियो के लिए खबरों में रहते है. पटना कि धरती पर टीवी पत्रकारिता में नाम कमा चुके तक़रीबन तीन दर्जन बड़े पत्रकारों का सिक्का चलता है लेकिन इन्ही के निचे संघर्ष कर रहे और अपनी पहचान साबित करने में जुटे सैकड़ो  पत्रकारों का शोषण शायद हर दिन हर घंटे होता है. जिसकी टीस इनके अन्दर ही दबकर रह जाती है लेकिन आज के बाद हम हर उस दर्द को सबके सामने रखेंगे और कोशिश करेंगे कि ऐसा दर्द हम बाँट कट हल्का कर सके. 

मित्रो यह ब्लॉग हम सबका है. पटना और बिहार - झारखण्ड से जुड़े हर उस सच्चे पत्रकार का है जो खबरों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को समझता है. अगर आप पटना बिहार-झारखण्ड के किसी मिडिया हाउस में कार्यरत हैं और आपके साथ कुछ भी ऐसा अनुचित हो रहा है जो नहीं होना चाहिए तो आप इस मंच पे संवाद करे लेकिन कोई भी मित्र इसका गलत इस्तेमाल न करे यह गुजारिश है क्युकी हम ब्लॉग पर कुछ भी लिखने से पहले तथ्यों का सत्यापन अवश्य करेंगे. क्युकी पत्रकारिता कि पहली शर्त सत्यता ही है. हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि इस ब्लॉग का इस्तेमाल किसी भी व्यक्ति विशेष को लाभा पंहुचने के लिए कभी 
नहीं किया जायेगा. हम पटना कि मिडिया जगत के अन्दर कि खबरे आप तक पंहुचायेंगे लेकिन उसी प्रतिबद्धता के साथ जिसके साथ हम खबरों का संकलन करते हैं. हमारा मकसद किसी के खिलाफ जंग का एलान करना नहीं. हाँ, उन सबकी एकता को एक मंच पर लाना जरुर है जो यह गर्व करते हैं कि हम पाटलिपुत्र के पत्रकार हैं.

जय पाटलिपुत्र......  जय पत्रकार..........
                                                  

No comments:

Post a Comment